विदेशी विनिमय, एफ.डी.आई तथा विदेशी ऋण

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41. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (1997-2000) का वृहत्तम भाग गया है- [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (d) सेवा क्षेत्रक को
Solution:वर्ष 1997-2000 की अवधि में भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का स- र्वाधिक हिस्सा सेवा क्षेत्र को प्राप्त हुआ था। अप्रैल, 2000 से दिसंबर, 2023 तक भारत में अंतर्प्रवाहित कुल FDI का सर्वाधिक (16.21%) हिस्सा सेवा क्षेत्र में आया। अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 तथा अप्रैल, 2021 - मार्च, 2022 के दौरान सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एंड हार्डवेयर में आया।

42. हाल के वर्षों में भारत को अधिक विदेशी पूंजी आकर्षित करने में सफलता मिली है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2009]

1. जीवन बीमा व्यवसाय में         2. बैंकिंग क्षेत्र में

3. ऑटोमोबाइल्स के क्षेत्र में      4. फिल्म निर्माण में

5. मेडिकल पर्यटन में

नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए -

Correct Answer: (a) 1, 2 और 3
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (a) सही उत्तर था। अप्रैल 2000 से दिसंबर, 2023 के दौरान सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने वाले क्षेत्र निम्न हैं- सेवा क्षेत्र कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एंड हार्डवेयर > ट्रेडिंग (व्यापार) > दूरसंचार > ऑटोमोबाइल उद्योग। वर्ष 2022-23 के दौरान सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त करने वाले क्षेत्र निम्न हैं - कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एण्ड हार्डवेयर > सेवा क्षेत्र > व्यापार (Trading) > ड्रग एवं फार्मास्यूटिकल्स > ऑटोमोबाइल उद्योग।

43. भारतीय बाजार में विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए, जो अवसर मिले हुए हैं, वह निम्न में से किस क्षेत्रों में हैं? [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

1. पर्यटन

2. चिकित्सा संरक्षण

3. परिधान

4. चमड़े का सामान

नीचे दिए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए -

Correct Answer: (d) सभी चारों
Solution:प्रश्नकाल तथा अद्यतन आंकड़ों के अनुसार भी भारतीय बाजार में विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए उपर्युक्त सभी क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर हैं। दिसंबर, 2023 में जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में अप्रैल, 2000 से दिसंबर, 2023 के दौरान होटल और पर्यटन क्षेत्र ने लगभग 17100.51 मिलियन डॉलर का, अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर्स ने 9818.86 मिलियन डॉलर का टेक्सटाइल उद्योग ने 4426.96 मिलियन डॉलर तथा चमड़े के सामान में 291.54 मिलियन डॉलर का FDI आकर्षित किया।

44. भारत के निम्नलिखित में से किस राज्य ने अप्रैल से सितंबर, 2022 के दौरान उच्चतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.), इक्विटी के रूप में प्राप्त किया? [68th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (b) कर्नाटक
Solution:विकल्पगत राज्यों में कर्नाटक ने अप्रैल से सितंबर, 2022 के दौरान उच्चतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी के रूप में प्राप्त किया था। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान उच्चतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी प्राप्त करने वाले शीर्ष 5 राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश इस प्रकार हैं महाराष्ट्र (30%), कर्नाटक (22%), गुजरात (17%), दिल्ली (13%) तथा तमिलनाडु (5%)।

45. बिहार में अप्रैल-जून, 2018 के दौरान किस क्षेत्रक ने सर्वाधिक एफ. डी.आई. इक्विटी अंतप्रवाह को आकर्षित किया? [64th B.P.S.C. (Pre) 2018]

Correct Answer: (a) सेवा क्षेत्रक
Solution:प्रश्नकाल तथा अद्यतन आंकड़ों के अनुसार भी बिहार में सेवा क्षेत्रक ने सर्वाधिक FDI इक्विटी अंतर्प्रवाह को आकर्षित किया है।

46. वर्ष 2005-06 में भारत में सबसे अधिक विदेशी मुद्रा अंतर्वाह निम्नलिखित में से किस स्रोत से हुआ? [U.P.P.C.S.(Spl.) (Mains) 2004]

Correct Answer: (b) पोर्टफोलियो निवेश
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (b) सही उत्तर था। 26 मार्च, 2024 को जारी आंकड़ों के अनुसार अद्यतन स्थिति निम्न हैं :-
मद2023 (अप्रैल-दिसंबर)2022 (अप्रैल-दिसंबर)
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश8.521.6
विदेशी पोर्टफोलियो निवेश32.7(-) 3.5
बाह्य वाणिज्यिक उधार(-) 1.6(-) 5.4
अनिवासी भारतीय जमाएं9.35.4
बाह्य सहायता5.43.8
चालू खाता शेष(-) 31.165.7

47. निम्नलिखित में से किस रूप में विदेशी मुद्रा का प्रवाह भारतीय संदर्भ में अधिक उड़नशील कहा जा सकता है? [M.P.P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त (b) एवं (c) दोनों
Solution:विदेशी पोर्टफोलियो निवेश तथा अनिवासी भारतीय जमाएं भारत में ब्याज दर की भिन्नता के परिणामस्वरूप अंतर्प्रवाहित होती हैं। इनका उद्देश्य ब्याज दर की भिन्नता के आधार पर लाभ अर्जित करना होता है। परिणामस्वरूप ब्याज दर में भिन्नता के समाप्त या प्रतिकूल होने पर इनका बहिर्प्रवाह प्रारंभ हो जाता है। ऐसी मुद्राओं के इसी स्वभाव के कारण इन्हें उड़नशील मुद्रा कहा जाता है।

48. विदेशी मुद्रा जिसमें त्वरित प्रवास की प्रवृत्ति होती है, कहलाती है- [56th to 59th B. P. S.C. (Pre) 2015]

Correct Answer: (a) गर्म मुद्रा
Solution:वह विदेशी मुद्रा जिसमें त्वरित प्रवास की प्रवृत्ति होती है, गर्म मुद्रा (Hot Money) कहलाती है। निवेशकों द्वारा ब्याज दरों में अंतरों तथा विनिमय दर परिवर्तनों से अल्पकालिक लाभ प्राप्ति हेतु इस प्रकार की मुद्रा का प्रवाह एक देश से दूसरे देश में आसानी से किया जाता है।

49. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2022]

1. US फेडरल रिजर्व की सख्त मुद्रा नीति पूंजी पलायन की ओर ले जा सकती है।

2. पूंजी पलायन वर्तमान विदेशी वाणिज्यिक ऋणग्रहण (External Commercial Borrowings (ECBs)) वाली फर्मों की ब्याज लागत को बढ़ा सकता है।

3. घरेलू मुद्रा का अवमूल्यन, ECBs से संबद्ध मुद्रा जोखिम को घटाता है।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है। हैं

Correct Answer: (a) केवल 1 और 2
Solution:सख्त मौद्रिक नीति से तात्पर्य केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि से है। यदि अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ रही हो, तो केंद्रीय बैंक मुद्रा की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए सख्त मौद्रिक नीति अपनाता है। यदि US फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो अमेरिका स्थित विदेशी संस्थागत निवेशक भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं से पैसा निकालकर US जैसे 'सेफ हेवेन' में निवेश करेंगे। क्योंकि ब्याज दरों में वृद्धि से US में बॉन्ड यील्ड (Bond Yield) में वृद्धि होगी और डॉलर मजबूत होगा। इस प्रकार US फेड रेट में वृद्धि से भारतीय बाजार से पूंजी पलायन होगा। अतः कथन 1 सही होगा।

पूंजी पलायन के अचानक बढ़ने से उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा जैसे रुपये पर मूल्यह्रास का दबाव बढ़ेगा। अतः विदेशी वाणिज्यिक ऋणग्रहण (ECBs) वाली फर्मों की ब्याज लागत बढ़ेगी क्योंकि ऋणों को डॉलर में चुकाने के लिए उन्हें ज्यादा रुपये देने पड़ेंगे। अतः कथन 2 सही है।

घरेलू मुद्रा के अवमूल्यन से ECBs से संबद्ध मुद्रा जोखिम बढ़ जाता है क्योंकि ECB माध्यम से उधार लेने वाली कंपनियों को डॉलर में उधार चुकाने के लिए अब अधिक रुपये देने होंगे। अतः कथन 3 गलत है।

50. टोबिन टैक्स लगाया जाता है - [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) विदेशी विनिमय लेन-देन पर
Solution:वर्ष 1972 में जेम्स टोबिन द्वारा मुद्रा बाजार के समस्त लेन-देन पर प्रस्तावित कर ही 'टोबिन टैक्स' (Tobin Tax) कहलाता है। जेम्स टोबिन ने विदेशी विनिमय दर में तीव्र उच्च वचनों को नियंत्रण में लाने हेतु एक मुद्रा को किसी दूसरी मुद्रा में बदलते समय एक अल्प दर से करारोपण की सिफारिश की जिसे 'टोबिन टैक्स' के नाम से जाना गया