Solution:'द्वन्द्व समास' में सभी पद प्रधान होते हैं, सही कथन है। वस्तुतः इस समास में प्रायः दो पद होते हैं और दोनों ही प्रधान होते हैं। इस समास में-तथा, और, या, अथवा इत्यादि समुच्चयबोधक अव्ययों का लोप रहता है, जो विग्रह करते समय प्रयुक्त होता है। जैसे-द्विगु तत्पुरुष समास का पहला पद संख्याबोधक होता है, लेकिन सम्पूर्ण समास पद का अर्थ किसी अन्य का सूचक होता है। जैसे- त्रिनेत्र अर्थात् शिव।
'कर्मधारय तत्पुरुष' समास में विशेषण विशेष्य, विशेषण-विशेषण, उपमेय-उपमान तथा उपमान-उपमेय का प्रयोग हो सकता है। जैसे- नीलकमल, चन्द्रमुख, मुखचन्द्र इत्यादि।