सर्वोच्च न्यायालय (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 50

21. भारत के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (c) राष्ट्रपति
Solution:अनुच्छेद 126 के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। ऐसा तब किया जाता है, जब मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त हो अथवा वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हो।

22. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है, राष्ट्रपति के द्वारा- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains) 2006, 2007]

Correct Answer: (d) सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के साथ
Solution:सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति भारतीय संविधान के अनु. 124(2) के तहत राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के और राज्यों के उच्च न्यायालयों के ऐसे न्यायाधीशों से परामर्श के पश्चात, जिनसे राष्ट्रपति इस प्रयोजन के लिए परामर्श करना आवश्यक समझे, की जाती है, परंतु मुख्य न्यायमूर्ति से भिन्न किसी न्यायाधीश की नियुक्ति की स्थिति में मुख्य न्यायमूर्ति से परामर्श आवश्यक है। वर्ष 1993 में दिए गए एक निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश की सलाह (सर्वोच्च न्यायालय के दो अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों के साथ संरचित कॉलेजियम की सलाह) को राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी बना दिया। 1998 में मुख्य न्यायाधीश की सलाह को व्याख्यायित करते हुए मुख्य न्यायाधीश के साथ सर्वोच्च न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों के कॉलेजियम (मंडल) का परामर्श (लिखित) आवश्यक होने का निर्णय दिया गया। साथ ही राष्ट्रपति को इस अनुशंसा को पुनर्विचार हेतु सर्वोच्च न्यायालय को वापस भेजने की छूट दी गई, परंतु पुनर्विचार के बाद भी पुनः वही नाम प्रस्तावित किए जाने पर राष्ट्रपति उसे स्वीकृत करने के लिए बाध्य हैं।

23. भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने किस वर्ष में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम व्यवस्था को अपनाया था? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) 1993
Solution:भारत के उच्चतम न्यायालय ने उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के स्थानांतरण के लिए वर्ष 1993 में कॉलेजियम व्यवस्था को अपनाया। वर्ष 1993 में सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले (Second Judges Case) में सर्वप्रथम उच्चतम न्यायालय की 9-सदस्यीय संविधान पीठ द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की व्यवस्था का निर्णय दिया गया। इस निर्णय के तहत मुख्य न्यायाधीश के साथ सर्वोच्च न्यायालय के दो अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों का कॉलेजियम (मंडल) निर्धारित किया गया था, जिसे राष्ट्रपति द्वारा मांगे गए परामर्श पर उच्चतम न्यायालय की 9-सदस्यीय संविधान पीठ ने 1998 में (Third Judges Case) विस्तारित कर मुख्य न्यायाधीश के साथ सर्वोच्च न्यायालय के 4 अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों से संरचित कर दिया।

24. सर्वोच्च न्यायालय के उस मंडल में जो सर्वोच्च न्यायालय में जजों की नियुक्ति की अनुशंसा से संबंधित है, में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त कुछ अन्य वरिष्ठ न्यायाधीश होते हैं। ऐसे अन्य न्यायाधीश, जो इस मंडल के सदस्य होते हैं, की संख्या- [U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (b) 4
Solution:भारत के उच्चतम न्यायालय ने उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के स्थानांतरण के लिए वर्ष 1993 में कॉलेजियम व्यवस्था को अपनाया। वर्ष 1993 में सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले (Second Judges Case) में सर्वप्रथम उच्चतम न्यायालय की 9-सदस्यीय संविधान पीठ द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की व्यवस्था का निर्णय दिया गया। इस निर्णय के तहत मुख्य न्यायाधीश के साथ सर्वोच्च न्यायालय के दो अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों का कॉलेजियम (मंडल) निर्धारित किया गया था, जिसे राष्ट्रपति द्वारा मांगे गए परामर्श पर उच्चतम न्यायालय की 9-सदस्यीय संविधान पीठ ने 1998 में (Third Judges Case) विस्तारित कर मुख्य न्यायाधीश के साथ सर्वोच्च न्यायालय के 4 अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों से संरचित कर दिया।

25. कॉलेजियम प्रणाली के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [69th B.P.S.C. (Pre) 2023]

1. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम एक पांच सदस्यीय निकाय है, जिसकी अध्यक्षता भारत के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश (सी.जे.आई.) करते हैं और उस समय इसमें न्यायालय में कार्यरत चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।

2. संसद ने विधि द्वारा कॉलेजियम प्रणाली का आरंभ किया है। 3. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति कॉलेजियम प्रणाली के माध्यम से ही की जाती है।

4. कॉलेजियम प्रणाली की शुरुआत वर्ष 1993 में न्यायाधीश पी. एन. भगवती के ऐतिहासिक फर्स्ट जज मामले के उपलक्ष्य में की गई थी।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है / हैं?

Correct Answer: (d) 1 और 3
Solution:उच्चतम न्यायालय का कॉलेजियम एक पांच सदस्यीय निकाय है, जिसकी अध्यक्षता भारत के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश (सी.जे.आई.) करते हैं और इसमें उच्चतम न्यायालय में कार्यरत चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों का स्थानांतरण राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की सिफारिश पर किया जाता है। कॉलेजियम प्रणाली की स्थापना संसद ने नहीं बल्कि उच्चतम न्यायालय ने सेकंड जजेज मामले (1993) में की। ज्ञातव्य है कि न्यायमूर्ति पी.एन. भगवती 1981 के फर्स्ट जजेज मामले (एस.पी. गुप्ता बनाम भारत संघ) में निर्णय देने वाली 7-सदस्यीय संविधान पीठ में शामिल थे। इस प्रकार प्रश्नगत कथनों में केवल 1 और 3 सही हैं।

26. निम्नलिखित में से किसमें उच्चतर न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति में कार्यपालिका, विधायिका एवं मुख्य न्यायाधीश की भागीदारी की अनुशंसा की गई है? [U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]

Correct Answer: (c) द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग
Solution:द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग के द्वारा उच्चतर न्यायालयों (उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों) के न्यायाधीशों की नियुक्ति में कार्यपालिका, विधायिका एवं मुख्य न्यायाधीश की भागीदारी की अनुशंसा की गई थी। इस आयोग का गठन 31 अगस्त, 2005 को वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में किया गया था।

27. भारत के सर्वोच्च न्यायालय में निम्नलिखित में से किस प्रकार वे न्यायाधीश न्यायाधीशों की नियुक्ति की जा सकती है? [M.P.P.C.S. (Pre) 202]

(i) तदर्थ न्यायाधीश

(ii) अतिरिक्त न्यायाधीश

Correct Answer: (a) (i) सही है और (ii) गलत है।
Solution:संविधान के अनुच्छेद 127(1) के तहत यदि किसी समय भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सत्र को आयोजित करने या चालू रखने के लिए उस न्यायालय के न्यायाधीशों की गणपूर्ति (कोरम) प्राप्त न हो तो भारत के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा, राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद, उस उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश को (जो सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए पात्र हो) सर्वोच्च न्यायालय में तदर्थ (Ad hoc) न्यायाधीश के रूप में नामित किया जा सकता है। तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी प्रावधान केवल सर्वोच्च न्यायालय के संदर्भ में है, अन्य न्यायालयों के लिए नहीं है। दूसरी ओर, अपर या अतिरिक्त (additional) और कार्यकारी (acting) न्यायाधीशों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत उच्च न्यायालयों में की जा सकती है, सर्वोच्च न्यायालय में नहीं।

28. सर्वोच्च न्यायालय में तदर्थ (Ad hoc) न्यायाधीशों की नियुक्ति होती है, जब [I.A.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (d) न्यायालय के किसी सत्र के लिए न्यायाधीशों का कोरम नहीं होता
Solution:संविधान के अनुच्छेद 127(1) के तहत यदि किसी समय भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सत्र को आयोजित करने या चालू रखने के लिए उस न्यायालय के न्यायाधीशों की गणपूर्ति (कोरम) प्राप्त न हो तो भारत के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा, राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद, उस उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश को (जो सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए पात्र हो) सर्वोच्च न्यायालय में तदर्थ (Ad hoc) न्यायाधीश के रूप में नामित किया जा सकता है। तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी प्रावधान केवल सर्वोच्च न्यायालय के संदर्भ में है, अन्य न्यायालयों के लिए नहीं है। दूसरी ओर, अपर या अतिरिक्त (additional) और कार्यकारी (acting) न्यायाधीशों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत उच्च न्यायालयों में की जा सकती है, सर्वोच्च न्यायालय में नहीं।

29. भारतीय संविधान में तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रावधान है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2004 U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (a) सर्वोच्च न्यायालय में
Solution:संविधान के अनुच्छेद 127(1) के तहत यदि किसी समय भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सत्र को आयोजित करने या चालू रखने के लिए उस न्यायालय के न्यायाधीशों की गणपूर्ति (कोरम) प्राप्त न हो तो भारत के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा, राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद, उस उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश को (जो सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए पात्र हो) सर्वोच्च न्यायालय में तदर्थ (Ad hoc) न्यायाधीश के रूप में नामित किया जा सकता है। तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी प्रावधान केवल सर्वोच्च न्यायालय के संदर्भ में है, अन्य न्यायालयों के लिए नहीं है। दूसरी ओर, अपर या अतिरिक्त (additional) और कार्यकारी (acting) न्यायाधीशों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत उच्च न्यायालयों में की जा सकती है, सर्वोच्च न्यायालय में नहीं।

30. भारतीय न्यायपालिका के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : [I.A.S. (Pre) 2021]

1. भारत के राष्ट्रपति की पूर्वानुमति से भारत के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त किसी न्यायाधीश को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर बैठने और कार्य करने हेतु बुलाया जा सकता है।

2. भारत में किसी भी उच्च न्यायालय को अपने निर्णय के पुनर्विलोकन की शक्ति प्राप्त है, जैसा कि उच्चतम न्यायालय के पास है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/ हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:संविधान के अनुच्छेद 128 के अनुसार, भारत का मुख्य न्यायमूर्ति, किसी भी समय, राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश रहे किसी व्यक्ति (या उच्च न्यायालय का न्यायाधीश रहे किसी व्यक्ति, जो उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए सम्यक रूप से अर्हित हो) से, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में बैठने और कार्य करने के लिए अनुरोध कर सकेगा। इस प्रकार कथन 1 सही है।

संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत प्रत्येक उच्च न्यायालय अभिलेख न्यायालय होता है तथा उसको अपने अवमान के लिए दंड देने की शक्ति के साथ ऐसे न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होती हैं। पोट्टाकालाथिल रामाकृष्णन बनाम तहसीलदार, तिरूर एवं अन्य वाद में यह निर्णय दिया गया कि अभिलेख न्यायालय होने के कारण उच्च न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपने निर्णयों का पुनर्विलोकन कर सकता है। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय को संविधान के अनुच्छेद 137 के तहत अपने द्वारा दिए गए आदेश या सुनाए गए निर्णय का पुनिर्विलोकन करने की शक्ति प्राप्त है। इस प्रकार कथन 2 भी सही है। नोट- यूपीएससी द्वारा अपनी आधिकारिक उत्तर कुंजी में इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (a) सही माना गया था।