सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन (UPPCS) (भाग – 2)

Total Questions: 50

1. 'सत्यार्थ प्रकाश' किसके द्वारा लिखा गया है? [U.P. P.C.S. (Mains) 2017]

Correct Answer: (d) दयानंद सरस्वती
Solution:मूलशंकर (स्वामी दयानंद) का जन्म 1824 ई. में गुजरात की मोरबी रियासत (कठियावाड़ क्षेत्र) के एक ब्राह्मण कुल में हुआ था। उन्होंने 1860 ई. में मथुरा में स्वामी विरजानंद जी से वेदों के शुद्ध अर्थ तथा वैदिक धर्म के प्रति अगाध श्रद्धा प्राप्त की। 1867 ई. में उन्होंने 'पाखंड खंडिनी पताका' लहराई। 1875 ई. में उन्होंने बंबई में आर्य समाज की स्थापना की। उनके विचार उनकी प्रसिद्ध पुस्तक 'सत्यार्थ प्रकाश' में वर्णित हैं। उनकी अन्य रचनाओं में पाखंड खंडन, ऋग्वेदादीभाष्यभूमिका, ऋग्वेद भाष्य, अद्वैतमत खंडन, पंच महायज्ञ विधि तथा वेदविरूद्धमतखंडनम् प्रमुख हैं।

2. 'सत्यार्थ प्रकाश' के लेखक हैं- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (e) इनमें से कोई नहीं
Solution:मूलशंकर (स्वामी दयानंद) का जन्म 1824 ई. में गुजरात की मोरबी रियासत (कठियावाड़ क्षेत्र) के एक ब्राह्मण कुल में हुआ था। उन्होंने 1860 ई. में मथुरा में स्वामी विरजानंद जी से वेदों के शुद्ध अर्थ तथा वैदिक धर्म के प्रति अगाध श्रद्धा प्राप्त की। 1867 ई. में उन्होंने 'पाखंड खंडिनी पताका' लहराई। 1875 ई. में उन्होंने बंबई में आर्य समाज की स्थापना की। उनके विचार उनकी प्रसिद्ध पुस्तक 'सत्यार्थ प्रकाश' में वर्णित हैं। उनकी अन्य रचनाओं में पाखंड खंडन, ऋग्वेदादीभाष्यभूमिका, ऋग्वेद भाष्य, अद्वैतमत खंडन, पंच महायज्ञ विधि तथा वेदविरूद्धमतखंडनम् प्रमुख हैं।

3. 'सत्यार्थ प्रकाश' पवित्र पुस्तक है- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]

Correct Answer: (a) आर्य समाज की
Solution:मूलशंकर (स्वामी दयानंद) का जन्म 1824 ई. में गुजरात की मोरबी रियासत (कठियावाड़ क्षेत्र) के एक ब्राह्मण कुल में हुआ था। उन्होंने 1860 ई. में मथुरा में स्वामी विरजानंद जी से वेदों के शुद्ध अर्थ तथा वैदिक धर्म के प्रति अगाध श्रद्धा प्राप्त की। 1867 ई. में उन्होंने 'पाखंड खंडिनी पताका' लहराई। 1875 ई. में उन्होंने बंबई में आर्य समाज की स्थापना की। उनके विचार उनकी प्रसिद्ध पुस्तक 'सत्यार्थ प्रकाश' में वर्णित हैं। उनकी अन्य रचनाओं में पाखंड खंडन, ऋग्वेदादीभाष्यभूमिका, ऋग्वेद भाष्य, अद्वैतमत खंडन, पंच महायज्ञ विधि तथा वेदविरूद्धमतखंडनम् प्रमुख हैं।

4. पुस्तक 'सत्यार्थ प्रकाश' के लेखक कौन थे? [M.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (c) स्वामी दयानंद सरस्वती
Solution:मूलशंकर (स्वामी दयानंद) का जन्म 1824 ई. में गुजरात की मोरबी रियासत (कठियावाड़ क्षेत्र) के एक ब्राह्मण कुल में हुआ था। उन्होंने 1860 ई. में मथुरा में स्वामी विरजानंद जी से वेदों के शुद्ध अर्थ तथा वैदिक धर्म के प्रति अगाध श्रद्धा प्राप्त की। 1867 ई. में उन्होंने 'पाखंड खंडिनी पताका' लहराई। 1875 ई. में उन्होंने बंबई में आर्य समाज की स्थापना की। उनके विचार उनकी प्रसिद्ध पुस्तक 'सत्यार्थ प्रकाश' में वर्णित हैं। उनकी अन्य रचनाओं में पाखंड खंडन, ऋग्वेदादीभाष्यभूमिका, ऋग्वेद भाष्य, अद्वैतमत खंडन, पंच महायज्ञ विधि तथा वेदविरूद्धमतखंडनम् प्रमुख हैं।

5. निम्नलिखित संगठनों में से किसने शुद्धि आंदोलन का समर्थन किया? [U.P. P.C.S (Pre) 2010]

Correct Answer: (a) आर्य समाज
Solution:स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा 1875 ई. में बंबई में स्थापित आर्य समाज ने धर्म परिवर्तित हिंदुओं की हिंदू धर्म में वापसी हेतु शुद्धि आंदोलन का समर्थन किया था।

6. नीचे दो कथन दिए गए हैं, एक को कथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) के रूप में दिया गया है। [U.P. B.E.O. (Pre) 2019]

कथन (A) : आर्य समाज आंदोलन ने हिंदुओं में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता प्रदान किया।

कारण (R) : आर्य समाज आंदोलन ने श्वेत जाति की श्रेष्ठता में विश्वास की जड़ों को कमजोर किया।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-

कूट :

Correct Answer: (b) (A) और (R) दोनों सही हैं; परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
Solution:आर्य समाज की स्थापना दयानंद सरस्वती (मूलशंकर) के द्वारा अप्रैल, 1875 में बंबई में की गई। इसका मुख्य उद्देश्य प्राचीन वैदिक धर्म की शुद्ध रूप से पुनः स्थापना करना था तथा भारत को धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक रूप से एक सूत्र में बांधने का प्रयत्न करना था। इसके साथ-साथ हिंदुओं में आत्मविश्वास एवं आत्मनिर्भरता प्रदान करना था। आर्य समाज ने हिंदू श्रेष्ठता के सिद्धांत को स्वीकार किया एवं श्वेत जातीय श्रेष्ठता के सिद्धांत को नकारा। इस प्रकार कथन (A) एवं कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

7. निम्न में से किसने कहा था, “अच्छा शासन स्वशासन का स्थानापन्न नहीं है"? [Uttranchal P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (c) स्वामी दयानंद
Solution:स्वामी दयानंद सरस्वती विदेशी दासता को एक अभिशाप मानते थे और स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र के हिमायती थे। उनके आर्थिक विचारों में स्वदेशी का विशेष महत्व था। राजनीतिक क्षेत्र में वे कहते थे कि "बुरे से बुरा देशी राज्य अच्छे से अच्छे विदेशी राज्य से अच्छा है।"

8. निम्न में से किस व्यक्ति ने सर्वप्रथम 'स्वराज्य' शब्द का प्रयोग किया और हिंदी को राष्ट्रभाषा माना? [Uttranchal P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (b) स्वामी दयानंद
Solution:सर्वप्रथम स्वामी दयानंद सरस्वती ने 'स्वराज्य' शब्द का प्रयोग किया और हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया।

9. निम्नलिखित में से किसने कहा, "भारत भारतीयों के लिए"? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (c) दयानंद सरस्वती
Solution:स्वामी दयानंद सरस्वती एक महान दार्शनिक, सामाजिक नेता, और आर्य समाज के संस्थापक थे। उन्होंने ही 'भारत भारतीयों के लिए' का नारा दिया।

10. निम्नलिखित को कालानुक्रम में रखिए- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]

1. तुलसीदास                  2. राजा राममोहन राय

3. स्वामी विवेकानंद      4. दयानंद सरस्वती

Correct Answer: (b) 1, 2, 4, 3
Solution:तुलसीदास का काल 16वीं शती ई., राजा राममोहन राय का 1772- 1833 ई., दयानंद सरस्वती का 1824-1883 ई. तथा विवेकानंद का 1863-1902 ई. था।