सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन (UPPCS) (भाग – 2)

Total Questions: 50

41. 'हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम' किस वर्ष पारित हुआ था? [M.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (a) 1856
Solution:धार्मिक असुविधा कानून भारत में पारित नहीं हुआ है। जाति अक्षमता निवारण अधिनियम 1850 में पारित हुआ था। 1856 ई. के हिंदू विधवा पुनर्विवाह कानून (हिंदू विडो रिमैरिज एक्ट) द्वारा विधवाओं के पुनर्विवाह को कानून संगत बनाया गया। विधवा पुनर्विवाह की स्थिति में सुधार लाने के लिए ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने अथक प्रयत्न किया। 1855 ई. में उन्होंने ब्रिटिश सरकार से विधवा पुनर्विवाह पर कानून बनाने के लिए अनुरोध किया। विधवाओं के कल्याण से जुड़े अन्य नेता थे, पश्चिमी भारत में विष्णुशास्त्री और डी. के. कर्वे। 1896 ई. में डी. के. कर्वे ने पूना में 'हिंदू विधवा गृह' की स्थापना की तथा वर्ष 1916 में बंबई में प्रथम महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की। बंगला सती रेगुलेशन (बंगाल सती विनियमन) लॉर्ड विलियम बेंटिक के समय 1829 ई. में बनाया गया था, जबकि डलहौजी का राज्य हड़पने का सिद्धांत 1848 ई. में ही प्रस्तुत किया गया था।

42. पश्चिमी भारत के डी. के. कर्वे का नाम निम्नलिखित में से किस संदर्भ में आता है? [U.P.P.C.S (Pre) 2016]

Correct Answer: (e) (c & d)
Solution:डी. के. कर्वे प्रसिद्ध समाज सुधारक थे। उन्होंने विधवा विवाह एवं महिला शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन्होंने रानाडे के साथ विधवा पुनर्विवाह आंदोलन का संचालन किया और विधवाओं को शिक्षा देने के लिए 'हिंदू विधवा गृह' की स्थापना की। इस आश्रम का उद्देश्य विधवाओं को शिक्षिकाओं, परिचारिकाओं अथवा दाइयों के रूप में प्रशिक्षित करके आत्मनिर्भर बनाना था। धोंदो केशव कर्वे विधवा पुनर्विवाह संघ के सचिव थे। इन्होंने वर्ष 1916 में बंबई में प्रथम महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की।

43. निम्नलिखित में से किसने प्रमुख रूप से विधवा पुनर्विवाह के लिए संघर्ष किया और उसे कानूनी रूप से वैध बनाने में सफलता प्राप्त की? [U.P. P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (b) ईश्वरचंद्र विद्यासागर
Solution:कलकत्ता के संस्कृत कॉलेज के आचार्य ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह के लिए अथक संघर्ष किया। इन्होंने यह प्रमाणित करने का प्रयास किया कि वेदों में विधवा विवाह को मान्यता दी गई है। इनके प्रयासों के फलस्वरूप 26 जुलाई, 1856 को 'हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम' पारित हुआ।

44. इनमें से कौन सेक्रेटरी के रूप में हिंदू फीमेल स्कूल से संबद्ध थे। थीं, जो बाद में बेथ्यून फीमेल स्कूल के नाम से जाना जाने लगा ? [I.A.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) ईश्वरचंद्र विद्यासागर
Solution:बेथ्यून कॉलेज के पहले सेक्रेटरी (सचिव) ईश्वरचंद्र विद्यासागर थे।

45. इनमें से कौन-सा कथन सही नहीं है? [M.P. P.C.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (d) राजा राममोहन राय सती प्रथा के समर्थक थे।
Solution:राजा राममोहन राय ने सती प्रथा का प्रबल विरोध किया था। यह उन्हीं के प्रयासों का फल था कि 1829 के बंगाल सती विनियमन के 17वें नियम के अनुसार, विधवाओं को जीवित जलाना बंद कर दिया गया और न्यायालयों को आज्ञा दी गई कि वे ऐसे मामलों में सदोष मानव हत्या के लिए मुकदमा चलाएं और दोषियों को दंडित करें।

46. 1843 के एक्ट V ने किस बात को गैर-कानूनी बना दिया? [U.P. P.C.S. (Mains) 2007]

Correct Answer: (d) गुलामी
Solution:लॉर्ड एलनबरो के काल में 1843 के एक्ट V ने गुलामी (दासता) को गैर- कानूनी बना दिया। 1833 के चार्टर में एक धारा जोड़ी गई थी, जिसमें दासता को शीघ्रातिशीघ्र समाप्त करने को कहा गया था। अंत में 1843 ई. में समस्त भारत में दासता अवैध घोषित कर दी गई और मालिकों को कोई प्रतिकर दिए बिना सभी दास स्वतंत्र कर दिए गए।

47. निम्नलिखित में से किसने 1872 में नेटिव मैरिज एक्ट को पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ? [U.P. P.C.S. (Mains) 2011]

Correct Answer: (c) केशवचंद्र सेन
Solution:केशवचंद्र सेन ने 1872 ई. के नेटिव मैरिज एक्ट को पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस एक्ट से लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 14 वर्ष तथा लड़कों के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई थी। इसे ब्रह्म विवाह अधिनियम भी कहा जाता है।

48. 'नेटिव मैरिज एक्ट' किस वर्ष पारित किया गया था? [U.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (b) 1872
Solution:केशवचंद्र सेन ने 1872 ई. के नेटिव मैरिज एक्ट को पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस एक्ट से लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 14 वर्ष तथा लड़कों के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई थी। इसे ब्रह्म विवाह अधिनियम भी कहा जाता है।

49. बाल विवाह प्रथा को नियंत्रित करने हेतु 1872 के सिविल मैरिज एक्ट ने लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र निर्धारित किया- [U.P. P.C.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (a) 14 वर्ष
Solution:1872 ई. में एक कानून द्वारा, जिसे प्रायः नेटिव या सिविल मैरिज एक्ट कहते थे, 14 वर्ष से कम आयु की कन्याओं तथा 18 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह वर्जित कर दिया गया तथा बहुपत्नी प्रथा भी समाप्त कर दी गई। परंतु यह हिंदू-मुस्लिम एवं अन्य मान्यता प्राप्त धर्मावलंबियों पर लागू नहीं होता था और इसका भारतीय समाज पर कोई विशेष प्रभाव नहीं हुआ। एक पारसी सुधारक बी.एम. मालाबारी (B.M. Malabari) के प्रयत्नों के फलस्वरूप सम्मति आयु अधिनियम, 1891 (Age of Consent Act, 1891) पारित किया गया, जिसमें 12 वर्ष से कम आयु की कन्याओं के विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सम्मति आयु अधिनियम, 1891 का बाल गंगाधर तिलक ने विरोध किया था।

50. निम्नलिखित विवरण पर विचार कीजिए- [U.P.R.O/A.R.O. (Pre) 2016]

"1853 में जन्में ये पश्चिमी भारत के पारसी थे। ये 'इंडियन स्पेक्टेटर' तथा 'वायस ऑफ इंडिया' के संपादक थे। ये एक समाज सुधारक थे और सम्मति आयु अधिनियम, 1891 के पक्ष में प्रमुख संघर्षकर्ता थे।"

उपर्युक्त पैराग्राफ किसके विषय में है?

Correct Answer: (b) बी.एम. मालाबारी
Solution:बहरामजी मालाबारी एक पारसी थे। इन्होंने 'इंडियन स्पेक्टेटर' तथा 'वायस ऑफ इंडिया' का संपादन किया था। ये सम्मति आयु अधिनियम (1891) के प्रबल पक्षधर थे। इस अधिनियम के द्वारा लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 12 वर्ष कर दी गई थी। बाल गंगाधर तिलक ने इस अधिनियम का विरोध किया था।